🌸 “छोटी चायवाली - रानी की कहानी” 🌸
सुबह के पाँच बजे थे।
आसमान में बादल छाए हुए थे, ठंडी हवा चल रही थी।
रेलवे प्लेटफॉर्म पर एक छोटी सी लड़की, रानी, अपनी फटी पुरानी चादर में कपकपाते हुए चाय बना रही थी।
“चाय ले लो… गरम गरम चाय!”
वो अपनी मीठी आवाज़ में पुकार रही थी।
उसकी उम्र बस पंद्रह साल रही होगी, लेकिन आँखों में उम्र से ज़्यादा समझ और जिम्मेदारी थी।
वो पास ही रखी एक छोटी सी केतली में पानी उबाल रही थी, और एक पुराना स्टोव उसकी रोज़ी-रोटी था।
तभी वहाँ एक आदमी बोला —
“अरे बच्ची, इतनी सुबह-सुबह चाय बेचने क्यों आ जाती हो? ठंड में कांप रही हो।”
रानी मुस्कुराई और बोली —
“साहब, ठंड तो उन लोगों को लगती है जिनके पास कम्बल होते हैं… हमें तो सिर्फ रोटी की चिंता होती है।”
आदमी चुप हो गया।
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💔 “पिता का वादा”
रानी के पापा स्टेशन पर कुली का काम करते थे।
पर एक साल पहले उनका एक्सीडेंट हो गया था।
उस दिन से रानी ही घर की जिम्मेदारी उठा रही थी।
उसकी माँ बीमार रहती थी — खाँसी, बुखार और कमजोरी ने उन्हें तोड़ दिया था।
“रानी बेटा, तू पढ़ाई क्यों नहीं करती अब?”
“अम्मा, मैं फिर पढ़ूँगी… जब आपके लिए दवाई के पैसे जुटा लूँगी।”
माँ बस आँखों में आँसू लेकर उसे देखती रहती।
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“स्टेशन की लड़की”
हर दिन रानी स्टेशन पर चाय बेचती।
कभी कोई यात्री उसकी चाय पीकर पैसे दे देता, तो कभी कोई बिना पैसे के चला जाता।
वो मुस्कुरा कर बस यही कहती —
“कोई बात नहीं साहब, अगली बार दे देना।”
एक दिन प्लेटफॉर्म पर एक नौजवान आया —
कपड़े साफ, जूते चमचमाते।
“अरे लड़की, एक चाय देना।”
रानी ने मुस्कुराते हुए कहा — “अभी लीजिए साहब, बिलकुल गरम चाय है।”
वो आदमी बोला —
“तुम्हारी चाय तो बहुत अच्छी है, पर तुम्हारी बातों में और भी मिठास है। नाम क्या है तुम्हारा?”
“रानी।”
“रानी… मतलब सच में नाम के जैसी!”
उसका नाम था अमन, और वो एक कॉलेज स्टूडेंट था जो हर दिन ट्रेन से आता-जाता था।
धीरे-धीरे रानी और अमन की दोस्ती हो गई।
अमन हर सुबह उसकी चाय पीने आता और हमेशा पैसे ज़्यादा देकर जाता।
कभी-कभी किताबें भी लाकर देता —
“पढ़ो रानी, तुममें बहुत हुनर है।”
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“मुसीबत की बारिश”
एक शाम भयंकर बारिश होने लगी।
पूरा स्टेशन पानी में डूब गया।
रानी की दुकान बह जाने की कगार पर थी।
वो अपनी केतली और गैस बचाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन तेज़ हवा ने सब उड़ा दिया।
घर पहुँची तो माँ को तेज़ बुखार था।
दवाई के पैसे नहीं थे।
रानी ने बिना कुछ सोचे अगले दिन शहर के बड़े बाजार में जाकर आवाज़ लगाई —
“चाय ले लो गरम गरम चाय!”
लोग उसे देखकर हँसे,
“अरे छोटी सी लड़की, तू तो बच्चों जैसी है!”
पर रानी को किसी की परवाह नहीं थी।
वो सिर्फ अपनी माँ के लिए मेहनत कर रही थी।
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“एक नई शुरुआत”
एक दिन वही अमन बाजार से गुज़र रहा था।
उसने रानी को देखा, भीगती हुई, फिर भी मुस्कुराती हुई चाय बेच रही थी।
वो उसके पास गया —
“रानी, तुम अब यहाँ कैसे?”
रानी बोली —
“बारिश में स्टेशन पर कोई नहीं आता, इसलिए यहाँ आ गई।”
अमन ने कहा —
“रानी, मेरे पापा एक रेस्टोरेंट चलाते हैं। मैं उनसे बात करता हूँ। तुम वहाँ काम कर सकती हो।”
रानी ने मना किया,
“मैं भीख नहीं चाहती साहब, मैं मेहनत से कमाना चाहती हूँ।”
अमन मुस्कुराया —
“तो मेहनत से ही काम करो, नौकरी की तरह। तुम्हारी चाय मेरे रेस्टोरेंट में बिकेगी, तुम्हारे नाम से।”
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“छोटी चायवाली से ‘रानी टी कॉर्नर’ तक”
कुछ ही हफ्तों में, अमन के पापा के होटल में एक छोटा सा स्टॉल बना —
“रानी टी कॉर्नर”
जिसे खुद रानी चलाती थी।
वो पाँच तरह की चाय बनाने लगी —
1. अदरक इलायची वाली चाय
2. नींबू वाली चाय
3. तुलसी वाली चाय
4. मसाला चाय
5. और उसकी खास — “रानी स्पेशल चाय”
ग्राहक उसकी मुस्कान और चाय दोनों के दीवाने हो गए।
हर कोई बोलता — “रानी बिटिया, एक स्पेशल चाय देना!”
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“सोशल मीडिया की जादू”
अमन ने उसका एक वीडियो बनाया,
जिसमें वो बारिश में चाय बना रही थी और मुस्कुराकर कह रही थी —
“गरम गरम चाय पीकर देखिए, ठंड दिल से भाग जाएगी!”
वो वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया।
हर तरफ “छोटी चायवाली रानी” की चर्चा होने लगी।
लोग उसे देखने आने लगे।
कुछ इंटरव्यू देने लगे।
टीवी वाले भी उसके स्टॉल पर पहुँचे।
रानी अब रोज़ सैकड़ों कप चाय बेचती थी।
उसकी माँ का इलाज अच्छे अस्पताल में हुआ।
धीरे-धीरे उसने तीन और शाखाएँ खोल लीं —
रानी टी कॉर्नर – स्टेशन, मार्केट और कॉलेज के बाहर।
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❤️ “माँ की मुस्कान”
एक दिन उसकी माँ बोली —
“बेटी, तेरा पापा होता ना, तो गर्व से कहता — मेरी रानी, सच में रानी है!”
रानी की आँखों में आँसू आ गए,
पर इस बार वो खुशी के थे।
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“सपनों की उड़ान”
अब रानी सिर्फ चायवाली नहीं थी।
वो एक बिजनेसवुमन बन गई थी —
जो अपने जैसे गरीब बच्चों
को पढ़ाई के लिए मदद करने लगी।
वो बोली —
“जिसे कोई मौका नहीं देता, उसे खुद अपने लिए रास्ता बनाना पड़ता है।”
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🌸 “छोटी चायवाली” अब सबके लिए प्रेरणा बन गई थी। 🌸

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