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ममता का असली मोल

November 05, 2025
  सुबह के छह बज रहे थे। घर में हल्की-हल्की आवाजें गूंजने लगी थीं। रसोई से चूल्हे की आंच और चाय की महक पूरे आँगन में फैल गई थी। “सविता ओ सवित...Read More

मेरे सपनों की साड़ी

November 05, 2025
  "मम्मी जी, इस बार सोच रही हूं करवा चौथ पर लाल रंग की साड़ी ले लूं। पिछली बार तो बस पुरानी साड़ी पहन ली थी, लेकिन इस बार कुछ नया पहनने...Read More

सुख का असली ठिकाना

November 04, 2025
“रीता... अब तो तू शहर में रहती है, बड़ा घर है, सब सुविधा है, कभी गाँव भी चली आ न!” बड़ी बहन कमला दीदी फोन पर बोलीं। “दीदी, गाँव में क्या रखा...Read More

बाबूजी का सम्मान

November 03, 2025
  “बाबूजी, अब तो कुछ शर्म कर लीजिए! दिनभर कमरे में पड़े रहते हैं... ज़रा-सा तो हाथ बटाइए घर के कामों में,” काजल ने बर्तन धोते-धोते कहा। “बेट...Read More

मन की गांठें

November 03, 2025
“बहू, अगले महीने तुम्हारे जेठ का बेटा आर्यन इंजीनियर बनकर घर आ रहा है, सब लोग सोच रहे हैं कि उसके लिए घर पर एक छोटी-सी पार्टी रखी जाए।” शारद...Read More

❝ रिश्तों की मिठास ❞

October 30, 2025
  सुबह का समय था। घर में रसोई से आते तड़के का सुगंध पूरे आँगन में फैल रहा था। संध्या रसोई में पूरी, सब्ज़ी और सेवइयाँ बना रही थी। आज रक्षाबं...Read More

❛ मां का आँगन ❜

October 30, 2025
  सावित्री देवी आज बहुत खुश थीं। बरसों बाद उनका घर फिर से हंसी खुशी से भरने वाला था। कारण भी खास था — उनके दोनों बेटे, विवेक और अमन, अपने-अप...Read More
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