हक़ का सवाल – एक बहू की आत्मसम्मान की कहानी November 04, 2025 "माँ, मैं सोच रही थी कि अगले हफ्ते पापा को यहाँ बुला लूँ, डॉक्टर ने कहा है कि उन्हें आराम और देखभाल दोनों की ज़रूरत है," नेहा ने...Read More
ममता का आँगन November 04, 2025 नीलम ट्रेन की खिड़की से बाहर झाँक रही थी। पेड़, खेत, और धूप सब पीछे छूटते जा रहे थे, पर उसका मन कहीं अटका हुआ था। पाँच साल बाद वह अपने गाँ...Read More
माँ के हाथ का स्वाद November 04, 2025 "रीना, ज़रा जल्दी-जल्दी काम कर ले, मुझे आज ऑफिस जल्दी निकलना है।" निखिल ने टेबल पर बैठते हुए कहा। रीना ने जल्दी से टोस्ट और चाय ...Read More
सुख का असली ठिकाना November 04, 2025“रीता... अब तो तू शहर में रहती है, बड़ा घर है, सब सुविधा है, कभी गाँव भी चली आ न!” बड़ी बहन कमला दीदी फोन पर बोलीं। “दीदी, गाँव में क्या रखा...Read More
दिल की दीवारें November 04, 2025 आशिमा और रोहन की शादी को अभी दो ही महीने हुए थे। दोनों में बहुत प्यार था — पर इस प्यार के बीच एक दीवार धीरे-धीरे बन रही थी। यह दीवार थी — ...Read More
सेवा और स्वार्थ November 03, 2025 “नैना, अब तो तू खुद डॉक्टर बन गई है, अब शादी के बारे में भी सोच ले” मां ने धीरे से कहा। “मां, मुझे अभी शादी नहीं करनी, मैं पहले कुछ लोगों ...Read More
मेहनत का फल November 03, 2025 राघव की उम्र यही कोई 45–46 साल के बीच रही होगी। वह शहर के एक छोटे-से स्कूल में चौकीदार था — सच्चा, मेहनती और ईमानदार। पत्नी का देहांत तब ह...Read More