रोटी और इज़्ज़त November 01, 2025 सविता देवी रोज सुबह घर के आँगन में झाड़ू लगाती थीं। उम्र साठ के पार हो चुकी थी, लेकिन शरीर अब भी मेहनत का आदी था। बेटा निखिल और बहू रचना क...Read More
❝ अनाथ नहीं हूँ मैं ❞ November 01, 2025 सुबह के 10 बज चुके थे। राधा अपनी छोटी सी किराने की दुकान पर बैठी थी। दुकान उसके पति की मौत के बाद ही खोली गई थी। यही अब उसका सहारा था। पास...Read More
माँ की मुस्कान November 01, 2025 मीना देवी अपनी छोटी-सी बालकनी में बैठी अख़बार पढ़ने की कोशिश कर रही थीं, पर नज़रें बार-बार आंगन में खेलते बच्चों पर चली जातीं। कभी सोचतीं ...Read More
पूनम का स्नेहबंधन October 31, 2025सुबह की हल्की धूप खिड़की से अंदर आ रही थी। सिया चाय बनाकर बालकनी में आई तो देखा— उसके पति करण मोबाइल में कुछ पढ़ रहे थे। सिया ने मुस्कुराते ...Read More
एक नन्ही मुस्कान October 31, 2025 संध्या के समय की हल्की धूप अस्पताल की खिड़की से अंदर आ रही थी। नीलम डॉक्टर के केबिन में बैठी थी, पर उसकी आँखें किसी कागज़ पर नहीं, सामने द...Read More
❝ अपनेपन की गर्माहट ❞ October 31, 2025 रमेश जी की उम्र अब सत्तर के करीब थी।पत्नी के गुजर जाने के बाद वो अपने छोटे से घर में अकेले रहते थे।बड़ा बेटा अजय मुंबई में बैंक में मैनेजर...Read More
❝ एक नन्ही सी आशा ❞ October 31, 2025 रात को हल्की ठंडी हवा चल रही थी। शहर के एक छोटे से मोहल्ले में, सीमा और रवि अपने घर के आँगन में खड़े थे। सीमा के पेट में सवा चार महीने का ...Read More
❝ बिटिया की समझ ❞ October 31, 2025 सुबह का वक्त था। सावित्री जी रसोई में चाय बना रही थीं। तभी उनकी बेटी नेहा अपने छोटे से बेटे आरव के साथ मायके आई। दरवाज़े से ही आवाज़ दी – ...Read More
❝ मां का सम्मान ❞ October 30, 2025 सुबह का समय था। सविता देवी रसोई में काम कर रही थीं। कमरे में से बेटे राहुल की आवाज़ आई — “मां... एक कप चाय मिलेगी?” सविता ने मुस्कुराते हु...Read More
❝ रिश्तों की मिठास ❞ October 30, 2025 सुबह का समय था। घर में रसोई से आते तड़के का सुगंध पूरे आँगन में फैल रहा था। संध्या रसोई में पूरी, सब्ज़ी और सेवइयाँ बना रही थी। आज रक्षाबं...Read More