बाबूजी का सम्मान

November 03, 2025
  “बाबूजी, अब तो कुछ शर्म कर लीजिए! दिनभर कमरे में पड़े रहते हैं... ज़रा-सा तो हाथ बटाइए घर के कामों में,” काजल ने बर्तन धोते-धोते कहा। “बेट...Read More

मन की गांठें

November 03, 2025
“बहू, अगले महीने तुम्हारे जेठ का बेटा आर्यन इंजीनियर बनकर घर आ रहा है, सब लोग सोच रहे हैं कि उसके लिए घर पर एक छोटी-सी पार्टी रखी जाए।” शारद...Read More

दूरी जो रह गई अधूरी

November 02, 2025
  “स्मिता, जल्दी करो — वरना स्कूल बस निकल जाएगी!” रवि ने आवाज लगाई, तो स्मिता रसोई से घबराई-सी बाहर आई, “बस पाँच मिनट, लंच पैक हो गया बस दूध...Read More

सम्मान की कीमत

November 02, 2025
कमला देवी का परिवार एक साधारण मध्यवर्गीय परिवार था। घर में उनके दो बेटे — रवि (बड़ा) और अमित (छोटा), दोनों की शादी हो चुकी थी। बड़ी बहू सीमा...Read More

ममता का मूल्य

November 02, 2025
  नीरा एक सादा और मेहनती महिला थी। पति के गुजर जाने के बाद उसने अपनी दो बेटियों — आर्या और रीत — को अपने दम पर पाला। वह एक सरकारी स्कूल में ...Read More

टूटी परंपरा की डोर

November 01, 2025
  “माँ, मुझे एक ज़रूरी बात बतानी है…” कहते हुए आयुष ने अपने लैपटॉप को बंद किया और सोफे पर बैठ गया। नीता देवी ने अख़बार से नज़र उठाई — “क्या ...Read More

मूल्य समझना सीखो

November 01, 2025
  "नेहा, तुमसे तो बात करना ही बेकार है!" रमेश गुस्से में बोले और कप को ज़ोर से टेबल पर पटक दिया। "अब फिर क्या हो गया?" न...Read More

मां भी इंसान है

November 01, 2025
  “मां, आप फिर से ऑनलाइन ऑर्डर कर रही हैं? यह सब क्या फैशन की चीज़ें ले रही हैं आप? इस उम्र में?” किचन से निकलते हुए रिया ने अपनी सास, उषा ज...Read More
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